Monday, October 26, 2009

Sri Sai Nath Stavan Manjari -Hindi

Sri Sai Nath Stavan Manjari(Hindi)on Sai-ka-aangan सांई राम!!! श्री दासगणु महाराज कृत श्री सांईनाथ स्तवन मंजरी~~ हिन्दी अनुगायन ठाकुर भूपति सिंह 

॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥ ॥ॐ श्री सांईनाथाय नमः॥ मयूरेश्वर जय सर्वाधार। सर्व साक्षी हे गौरिकुमार। अचिन्त्य सरूप हे लंबोदर। रक्षा करो मम,सिद्धेश्वर॥1 सकल गुणों का तूं है स्वामी। गण्पति तूं है अन्तरयामी। अखिल शास्त्र गाते तव महिमा। भालचन्द्र मंगल गज वदना॥2 माँ शारदे वाग विलासनी। शब्द-स्रष्टि की अखिल स्वामिनी। जगज्जननी तव शक्ति अपार। तुझसे अखिल जगत व्यवहार॥3 कवियों की तूं शक्ति प्रदात्री। सारे जग की भूषण दात्री। तेरे चरणों के हम बंदे। नमो नमो माता जगदम्बे॥4 पूर्ण ब्रह्म हे सन्त सहारे। पंढ़रीनाथ रूप तुम धारे। करूणासिंधु जय दयानिधान। पांढ़ुरंग नरसिंह भगवान॥5 सारे जग का सूत्रधार तूं। इस संस्रति का सुराधार तूं। करते शास्त्र तुम्हारा चिंतन। तत् स्वरूप में रमते निशदिन॥6 जो केवल पोथी के ज्ञानी नहीं पाते तुझको वे प्राणी। बुद्धिहीन प्रगटाये वाणी। व्यर्थ विवाद करें अज्ञानी॥7 तुझको जानते सच्चे संत। पाये नहीं कोई भी अंत। पद-पंकज में विनत प्रणाम। जयति-जयति शिरडी घनश्याम॥8 पंचवक्त्र शिवशंकर जय हो। प्रलयंकर अभ्यंकर जय हो। जय नीलकण्ठ हे दिगंबर। पशुपतिनाठ के प्रणव स्वरा॥9 ह्रदय से जपता जो तव नाम। उसके होते पूर्ण सब काम। सांई नाम महा सुखदाई। महिमा व्यापक जग में छाई॥10 
॥ॐ राजाधिराज योगिराज परब्रह्य सांईनाथ महाराज॥ ॥श्री सच्चिदानन्द सदगुरु साईनाथ महाराज की जय ॥

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